प्रेगनेंसी 35 वां सप्ताह – गर्भावस्था लक्षण, शिशु और प्रेगनेंसी केयर टिप्स | 35 week pregnancy in hindi

35 सप्ताह गर्भावस्था में, जब आप प्रेगनेंसी के आठवें महीने को पूर्ण कर रही हैं, तो आपका शिशु अब आपकी गोद में होने के लिए तैयार है। इस चरण में, शिशु अपने बर्थ पोजीशन में भी पहुंच चुका है (सिर नीचे, पांव ऊपर), तैयार बच्चे को स्वागत करने की तैयारी में है।
आप भी शिशु के आने के लिए तैयारी में हैं, लेकिन 35 सप्ताह गर्भावस्था में, आपमें महसूस हो सकता है कि आपको और भी तैयारियां करनी हैं, जैसे कि ब्रैक्सटन हाइक कॉन्ट्रैक्शन का अहसास। ये तैयारियां आपको आगामी समय के लिए सहारा प्रदान कर रही हैं, जब आपका शिशु आपके साथ होगा।
आपका शरीर भी तैयारी के स्तर पर है, ब्रैक्सटन हाइक कॉन्ट्रैक्शन जो एक प्रकार का लेबर पेन है। यह आपको सही समय के लिए तैयार कर रहा है, जब आप डिलीवरी के लिए आगे बढ़ेंगी।
कुछ गर्भवतियां शिशु के आने का इंतजार करती हैं, लेकिन इस महत्वपूर्ण समय में, उत्तेजना से बचना भी महत्वपूर्ण है। शिशु आपको डिलीवरी के लिए संकेत देगा, इसलिए आप इस समय को सावधानीपूर्वक और तैयारी में बिताएं।
35 week pregnancy – 8 माह गर्भावस्था
3rd trimester – गर्भावस्था तीसरी तिमाही
5 week’s to go – 5 सप्ताह बांकी हैं

गर्भावस्था 35 सप्ताह – लक्षण, शिशु, प्रेगनेंसी टिप्स और देखभाल से जुड़ी जरूरी बाते | 35 week pregnancy in hindi

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आपके जानने योग्य बिन्दु!
  • शिशु की लाते अब लोटने पोटने में बदल गई हैं, जिससे लगता है कि उसके लिए गर्भाशय में अंदर की जगह कम पड़ रही हो सकती है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो शिशु की तैयारी में होती है
  • इस चरण में, शिशु के शरीर में फैट कोशिकाएं विकसित हो रही हैं, जिससे उसका शारीरिक रूप से सही विकास हो सके।
  • पैतिस सप्ताह तक, लगभग सभी शिशु अपने बर्थ पोजीशन में (सिर नीचे, पांव ऊपर) आ जाते हैं, जिससे उनका तैयारी वाला स्थान बनता है। यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो शिशु को आने के लिए तैयार करती है और मां को भी सुरक्षित और स्वस्थ डिलीवरी की संभावना प्रदान करती है।

“35 सप्ताह की प्रेगनेंसी में शिशु का विकास – बेबी डेवलपमेंट देखिए”

शिशु का आकार और तिमाही के 35वां हफ्ते:

इस हफ्ते, शिशु का आकार बढ़ता है और यदि वह सीधा खड़ा होता है, तो उसकी लंबाई सिर से पांव तक लगभग 18 इंच होती है। इसके साथ ही, उसका वजन भी बढ़ता है और लगभग 5 ¼ पाउंड (करीब 2.4 किलोग्राम) होता है। हालांकि, शिशु अभी और भी विकसित हो रहा है और जन्म से पहले और गेन करने की प्रक्रिया में है।

गर्भ के बाहर जीवन

Late term और near term शिशुओं का जन्म आमतौर पर 35 सप्ताह में ही होता है, जिन्हें लगभग जन्म के लिए तैयार माना जाता है। इन शिशुओं को गर्भ के बाहर लाने की प्रक्रिया में सहारा प्रदान करने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन 99% केस में इन शिशुओं का जीवन बहुत स्वाभाविक रूप से सर्वाइव होता है। इन शिशुओं के जन्म के बाद थोड़ी केयर की जरूरत पड़ सकती है, लेकिन उनमें से बहुत कम शिशुओं को डिसेबिलिटी होने की संभावना होती है।

ब्रेन डेवलपमेंट – brain development

35 सप्ताह का शिशु आपको पूरी तरह विकसित लग सकता है, हालांकि उसमें अभी भी कई महत्वपूर्ण विकास क्रियाएं शायद आप नहीं देख पा रहे होंगे। इस चरण में, गर्भावस्था के अंतिम सप्ताहों में शिशु का दिमागी विकास तेजी से हो रहा है, और उसका वजन भी आखिरी 4 से 5 सप्ताहों में बढ़ता है, जिससे उसकी समृद्धि होती है।

बॉडी वेट – body weight

शिशु निश्चित रूप से अपना वजन बढ़ा रहा है; एक अनुमान के अनुसार, हर सप्ताह शिशु लगभग आधा पाउंड के जीतना वजन बढ़ा रहा होता है। त्वचा के नीचे, अधिक से अधिक फैट टिशू बन रहा है और एकत्रित हो रहा है, जिससे शिशु की त्वचा कोमल हो गई है। इसके साथ ही, शरीर से झुरियां भी गायब होने लगी हैं।

पैतिस सप्ताह में गर्भवती का शरीर – Your body at 35 week pregnant in hindi

यह सही है कि गर्भवती महिला के पेट की मौलिक लंबाई, सेंटीमीटर में, उसकी गर्भावस्था की उम्र के बराबर हो सकती है। यदि आप 35 सप्ताह की गर्भवती हैं, तो आपके पेट की मौलिक लंबाई लगभग 35 सेंटीमीटर या इससे आसपास होगी। इस माप का उपयोग गर्भवती महिलाओं की गर्भावस्था की स्थिति की अच्छी जानकारी प्रदान करने में किया जाता है।

35 सप्ताह में लेबर के संकेत

अगर आप 35 सप्ताह की गर्भवती हैं, तो इन संकेतों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है:
पानी की थैली फूटना: अगर आपको ऐसा अनुभव होता है कि पानी की थैली फूटी है और रिसाव हो रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
दर्द भरा कॉन्ट्रेक्शन: यदि आप महसूस कर रही हैं कि आपके पेट या पीठ में दर्द है, जो बढ़ता है और हल्का नहीं हो रहा, तो यह असली कॉन्ट्रेक्शन हो सकता है।
रेगुलर कॉन्ट्रेक्शन: यदि आपको नियमित अंतरालों में कॉन्ट्रेक्शन हो रहे हैं और वे बढ़ते जा रहे हैं, तो इसे स्वर्गीय लेबर कॉन्ट्रेक्शन के रूप में देखा जा सकता है।
इन संकेतों को समझना और उन्हें ध्यान से नोट करना महत्वपूर्ण है, और यदि आपको ऐसा अनुभव होता है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और अगर आवश्यक हो, हॉस्पिटल के लिए तैयार रहें।

फ्रिक्वेंट यूरिनेशन – frequent urination

बार-बार पेशाब की समस्या” एक और महत्वपूर्ण संकेत है जो आपको बता सकता है कि आप गर्भावस्था में कितनी आगे बढ़ चुकी हैं। तीसरी तिमाही में यह समस्या प्रेगनेंसी हार्मोन की वजह से नहीं, बल्कि शिशु के बर्थ पोजीशन में आने से हो सकती है। शिशु का सिर नीचे होने के कारण ब्लैडर पर प्रेशर बढ़ता है, जिससे महिला को बार-बार पेशाब करने की इच्छा हो सकती है।
इस समय, आपको फ्लूइड की पूरी तरह से पूरा करना महत्वपूर्ण है। ब्लैडर को खाली करने के लिए योग्य सिगनलों का ध्यान रखें और पेल्विस फ्लोर एक्सरसाइज करना भी सुझावित है।

“पैतिस सप्ताह में गर्भावस्था के लक्षण – 35 week pregnancy in Hindi”

 

बवासीर – Hemoriods

उभरी हुई नसें रेक्टम के पास दिख सकती हैं और इसे बवासीर के रूप में पहचाना जा सकता है। इससे आराम पाने के लिए आप हल्के गर्म पानी से सफाई कर सकती हैं।

उभरी हुई नशे – varicose veins

यह पैरों पर उभरी हुई नसें, जो दर्द और खुजली का कारण बन सकती हैं, वे आमतौर पर वैरिकोस वेन्स (Varicose Veins) हो सकती हैं। इसका कारण प्रेगनेंसी के दौरान बढ़ी हुई रक्त संचार, गर्भाशय के बढ़ते आकार और रक्त की वापसी में कमी हो सकती है।
प्रेगनेंसी के बाद, इसमें सुधार होने की संभावना है, लेकिन इसमें पूरी तरह से सामान्य होने में समय लग सकता है। स्थिति के लिए अपने चिकित्सक से सलाह प्राप्त करना हमेशा अच्छा होता है।

अचानक सिर दर्द – Headache

अचानक सिर में दर्द के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि तापमान का बढ़ना और अधिक समय बंद कमरे में रहना। ताजगी भरी हवा में जाने से आराम मिल सकता है।
दर्द से राहत पाने के लिए डॉक्टर से सलाह लें और यदि आपको सिर में तेज दर्द है, जो दवाई से भी ठीक नहीं हो रहा, तो इसे प्रीकॉलेप्सिया का संकेत माना जा सकता है।

स्किन रैशेज – skin rashes

तव्चा में अचानक खुजली, जलन, और रैशेज की समस्या, खासकर पेट के हिस्से में, PUPPP (pruritic Urticarial Papules and Plaques of Pregnancy) के लक्षण हो सकते हैं। इस स्किन प्रॉब्लम का शिशु के लिए कोई नुकसान नहीं होता है।

मसूड़ों में खून आना – bleading gum

प्रेगनेंसी के दौरान आप मसूड़ों में दर्द और ब्लीडिंग का अहसास कर सकती हैं। मसूड़ों को मजबूत बनाए रखने के लिए आप विटामीन सी का सेवन कर सकती हैं।

प्रेगनेंसी ब्रेन – pregnancy brain

गर्भावस्था के अंतिम दौर में अगर आप चीजों को ज्यादा भूलने लगती हैं, तो इसे “प्रेगनेंसी ब्रेन” कहा जाता है, जो डिलीवरी के बाद सामान्य हो जाता है। इसमें चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।

गर्भावस्था के पैतिस सप्ताह में अल्ट्रासाउंड – जाँच (Ultrasound Test) (पैतिस सप्ताह में गर्भावस्था की जाँच):

35 सप्ताह की गर्भावस्था में, शिशु के सुनने की क्षमता पूर्ण रूप से विकसित हो गई है। अल्ट्रासाउंड जाँच में आप शिशु की टेस्टिकल्स और अन्य विवरणों को भी देख सकती हैं। इस समय GROUP B STREP टेस्ट भी किया जा सकता है, जो जन्म के समय शिशु के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होता है।

गर्भावस्था पैतिस सप्ताह में पेट निकलना – 35 week pregnancy in Hindi

गर्भाशय विकसित हो रहे हैं, जिससे आप महसूस कर सकती हैं कि आपका गर्भाशय पहले की तुलना में बड़ा हो गया है। इस समय प्रसव के संकेतों का ध्यान देना महत्वपूर्ण है, क्योंकि लगभग 11% महिलाएं प्रीमेच्योर शिशु को जन्म देती हैं। जुड़वा बच्चों की माँें अब से फुलटर्म को महसूस कर सकती हैं।
इस सप्ताह याद रखने वाली बातें – week 35 pregnancy checklist
35 सप्ताह के गर्भावस्था में ये बातें ध्यान में रखना महत्वपूर्ण हैं:
  • दिन भर में अधिक पानी पिए, लेकिन रात को मात्रा कम रखें ताकि रात में बार-बार उठना ना पड़े।
  • हार्टबर्न से बचने के लिए उचित खाद्यों का सेवन करें, खासकर सोने से पहले।
  • एक निश्चित समय पर सोए और उठें, यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है।
  • डॉक्टर से विशेष मामलों में सहायता प्राप्त करने के लिए समय-समय पर मिलें।
  • प्रसव के संकेतों को ध्यान से नोट करें और जब भी आवश्यक हो, डॉक्टर से संपर्क करें।
  • शांत कमरे में आराम करने का प्रयास करें और सही पोस्टर में सोने का परिचय करें।
  • ब्लड शुगर लेवल को नियमित रूप से मापें और इसे नियंत्रित रखें

गर्भावस्था पैतिस सप्ताह के लिए टिप्स – “Self-Care Tips for 35 Week of Pregnancy in Hindi”

प्रेगनेंसी इनसोनोमिया से बचें

प्रेगनेंसी में इनसोनोमिया से बचने के लिए आप निम्नलिखित उपायों का पालन कर सकती हैं:
नियमित व्यायाम: सुबह या शाम के समय नियमित व्यायाम करना सुनी नींद के लिए मदद कर सकता है।
सही आहार: स्वस्थ आहार का सेवन करें और रात को हल्का भोजन करें। तलाबी चीजों और कॉफी को सोने से पहले रोकें।
नियमित ध्यान और योगा: ध्यान और योगासन सुनी नींद को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।
अच्छी सोने की आदतें: एक नियमित और शांत माहौल में सोने की कोशिश करें, और सोने से पहले सकारात्मक गतिविधियों का अनुसरण करें।
उत्सुकता से समाप्ति: अगर रात को सोने में कोई बाधा आती है, तो अपनी उत्सुकता बनाए रखें और फिर भी धीरे-धीरे सोने का प्रयास करें।
यदि इन उपायों के बावजूद आपकी नींद अभी भी परेशानी में है, तो डॉक्टर से सलाह लें।

जन्म की तैयारी 

जन्म की तैयारी महत्वपूर्ण है। कुछ चीजें जो आपको शिशु के जन्म के लिए तैयारी करने में मदद कर सकती हैं:
गर्भाधारणी योजना: अपने डॉक्टर के साथ जन्म की योजना बनाएं, जिसमें प्राथमिक या स्वाभाविक प्रसव का चयन हो सकता है।
लेबर क्लासेस: लेबर और डिलीवरी क्लासेस अनुसरण करें, जो आपको सही जानकारी और तकनीकी सीखने में मदद कर सकती हैं।

स्टैफी नोज 

प्रेगनेंसी के दौरान एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के हार्मोन्स का प्रभाव नाक में म्यूकस मेम्ब्रेन को बढ़ावा देता है, जिससे नाक भरा लग सकता है। नेसल स्ट्राइप और पैट्रोलियम जेली कुछ महसूस करने में मदद कर सकते हैं। यदि स्थिति बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा बेहतर होता है।

पैतिस सप्ताह के लिए प्रेगनेंसी डाइट

सभी पोषक तत्व गर्भावस्था के दौरान महत्वपूर्ण होते हैं। वेजीटेरियन आहार से इन सभी तत्वों को प्राप्त करना मुश्किल नहीं होता। धारा केकिये जा रहे भोजन का सुन्दर संयोजन करना आपके और आपके शिशु के लिए सही है।
  • प्रोटीन युक्त भोजन खाए – जैसे नाइट्स, मूंगफली, दाल
  • यदि आप दूध नहीं पीना चाहती, तो आप दही का सेवन करें
  • हरी सब्जियां खाये, रेशेदार फल और सब्जियां जरूर सेवन करे

आम प्रश्न – प्रेगनेंसी से संबंधित कुछ जवाब

क्या प्रेगनेंसी में सेक्स कर सकते हैं?
बिल्कुल, प्रेगनेंसी के दौरान नशीले पदार्थों और अत्यधिक शारीरिक कसरतों से बचना हमेशा अच्छा होता है। इस समय में सुरक्षित और स्वस्थ रहने के लिए उचित आहार, योग, और नियमित विभिन्न पर्यायों का पालन करना अच्छा रहता है।
प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए?
जी हां, सामान्यत: प्रेगनेंसी के दौरान संभोग करना सुरक्षित हो सकता है, परंतु इस पर किसी विशेष स्थिति में आपके डॉक्टर की सलाह लेना अच्छा होता है। आपकी स्वास्थ्य स्थिति, प्रेगनेंसी के समय किए जा रहे उपचारों, और अन्य कुछ कारणों के आधार पर डॉक्टर सुरक्षितता की सलाह देंगे। यह हमेशा अच्छा होता है कि आप खुलकर अपने डॉक्टर से इस बारे में बातचीत करें।
प्रेगनेंसी में कौन सी गलतियां ना करें?
सही हेल्दी लाइफस्टाइल के साथ समय व्यतीत करना आपके और आपके शिशु के लिए उत्तम है। साथ ही, प्रेगनेंसी में सहारा और समर्थन महत्वपूर्ण होते हैं, इसलिए अपने पार्टनर, परिवारजनों और दोस्तों के साथ जुड़े रहना बहुत बेहतर होता है।
Matrishakti के कुछ शब्द
35वें सप्ताह में देखभाल बढ़ाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वस्थ आहार, पर्याप्त पानी, और नियमित चेकअप से गर्भावस्था को सुरक्षित और स्वस्थ बनाए रखना चाहिए। अगर किसी भी प्रश्न या चिंता हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना हमेशा उत्तम होता है।
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