प्रेगनेंसी 11वां सप्ताह – गर्भावस्था लक्षण, शिशु और प्रेगनेंसी केयर टिप्स

11 week pregnancy : गर्भावस्था का ग्यारवा सप्ताह, इस सप्ताह आप महसूस तो करेंगी जैसे कुछ तो बदल रहा है मगर बाहर से देखने पर कोई विशेष बदलाव नहीं दिख सकेंगी

आप गर्भवती हैं यह बात आपके कपड़ों से छुपी नहीं, कुछ कपड़े इस सप्ताह से आपको अनफिट भी होने लगे होंगें, प्रेगनेंसी का ये सप्ताह शायद आपके और आपके शिशु के लिए बहुत बदलाव लाने वाला है

शिशु जो पहले मेढ़क के बच्चें जैसे दिखता था उंगलियों के आ जाने से वह अब इंसानी बच्चे का रूप लेने लगा हैं इस सप्ताह बहुत सी गर्भवती माताएं मॉर्निंग सिकनेस जैसे प्रेगनेंसी के लक्षण में बहुत कुछ आराम महसूस करती है

11 week pregnancy – 3 माह गर्भावस्था

1st trimester – गर्भावस्था दूसरी तिमाही

29 week’s to go – 29 सप्ताह बांकी हैं

गर्भावस्था ग्यारहवां सप्ताह – शिशु विकास, प्रेगनेंसी सिंप्टम्स और देखभाल से जुड़ी जरूरी बाते | 11 week pregnancy in hindi

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आपके जानने योग्य बिन्दु!

  • कान की स्थिति: इस समय, शिशु के कान अब अपनी निश्चित जगह पर आ रहे हैं, यानी सिर के दोनों साइड। यह एक महत्वपूर्ण माध्यम है जिससे वह अपने आसपास की आवाजों को सुनना शुरू कर सकता है।
  • सिर का साइज: शिशु का सिर अभी उसके शरीर के लगभग आधा भाग होता है। इस दौरान, उसका सिर और गर्भ में बदलाव हो रहा है, जो उसके बढ़ते हुए शारीरिक विकास का संकेत है।
  • उंगलियों का रूप: अब शिशु के हाथ और पैर, पैडल की तरह छोटी उंगलियों के साथ, बहुत कुछ इंसानों जैसे दिखने लगते हैं। ये बदलते हुए अंग उसके समर्थ और विकसित होने का प्रतीक हैं, जो उसके अगले दिनों में उत्तम रूप से शिकार करेंगे।

ग्यारहवां सप्ताह गर्भावस्था में शिशु का विकास | Baby development by week 11 in hindi

इस सप्ताह शिशु का आकार – baby size at 11 week 

गर्भावस्था के इस सप्ताह शिशु का आकार सिर से पूंछ तक लगभग 1 ½ इंच तक बढ़ चुका होता है उसका वजन भी 7 ग्राम का हो गया हैं। हालांकि, इस सप्ताह भी शिशु खुद को विकसित करने में काफी व्यस्त रहने वाला हैं मगर कुछ बड़े बदलाव भी होने को है:

सिर और चेहरे का विकास

  • शिशु का सिर अभी उसके शरीर का लगभग आधा भाग होता हैं
  • आंखो की पलकें भी इस सप्ताह जुड़ेंगी, जों अब विकसित होकर पुनः 24 सप्ताह के दौरान खुलेंगी
  • जीभ में टेस्ट बड्स भी डेवलप हो रहे होते हैं
  • शिशु के आंख, कान, नाक, मुंह लगातार अपने आकार में आ रहे होते हैं अब तो शिशु बहुत कुछ इंसानों के जैसे दिखने भी लगा होता हैं

शारीरिक बदलाव

  • शिशु का शरीर लंबा तथा सीधा हो रहा होता हैं 
  • उंगलियां व पैर लम्बे और बिना जाल वाले दिखने लगें होते हैं
  • शिशु में जननांग बनने और विकसित होने लगें है, हालांकि, अभी आप उसका लिंग नहीं जान पाएंगी

शिशु की हरकतें

  • शिशु के स्वांस लेने के पहले संकेत को आप अल्ट्रासांउड के जरिए देख सकतीं हैं
  • गर्भ के अंदर शिशु अपने कलाईयों और पैरों को हिला रहा होता हैं, हालांकि, इसे आप महसूस नहीं कर सकेंगी 

ग्यारहवां सप्ताह में गर्भवती का शरीर | Your body at 11 week pregnant in hindi

आपके बाल

बहुत सी गर्भवती महिलाएं ये महसूस करती है गर्भावस्था में उनके बाल पहले के मुकाबले घने और लंबे हों गए होते हैं। कई बार तो बालों के टेक्सचर में भी बदलाव देखने को मिलता हैं, वहीं कुछ गर्भवतियों के लिए प्रेगनेंसी बालों से चमक छीन लेती हैं

ये हार्मोनल बदलाव केवल सिर के बदलवा को ही प्रभावित नहीं करती, बहुत सी महिलाएं चेहरे पर, पेट, छाती और हाथों में भी हेयर ग्रोथ देख सकतीं हैं

बढ़ते नाखून

आप अपने नाखूनों में भी बदलाव महसूस कर रहीं होंगी, कुछ महिलाओं को, प्रेगनेंसी हार्मोन, मजबूत और लंबे नाखून से नवाजता हैं। वहीं कुछ गर्भवतियों को नाखूनों के टूटने की भी शिकायत होती हैं

फुड क्रेविंग

आत्याधिक भूख लगना, इस सप्ताह आपको परेशान कर सकता है। यदि ऐसा है तो आप इसे एक अच्छा संकेत ही समझिए, क्युकी यह आपको मॉर्निंग सिकनेस से आराम मिलने का संकेत दे रहा होता हैं। 

गर्भवती की भूख ही शिशु को पोषित करने में सहायता करती हैं परन्तु आपको, बहुत सारा, एक ही बार में खाने की जरूरत नहीं, धीरे-धीरे करके खाए तथा पोषक तत्वों से भरपूर हेल्थी भोजन करें।

प्रेगनेंसी में थकान

आपके गर्भ में एक नन्हीं जान पल रहा होता है जिसे पोषित करना फिर चाहें वह कितना ही छोटा क्यों ना हो बहुत उर्जा की आवश्यकता पड़ती है आपका शरीर भी रात दिन शिशु को पोषित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा होता है इसलिए जाहिर सी बात है थकान तो होगी ही।

जब तक प्लेसेंटा बन नहीं जाता, क्युकी प्लेसेंटा ही गर्भावस्था में शिशु तक न्यूट्रिएंट्स, ऑक्सीजन और जरूरी पोषक तत्व पहुंचाता हैं ये आपके शिशु को सुरक्षा भी प्रदान करता हैं 

प्लेसेंटा के कारण ही शरीर खुद को आसानी से बदलावो के स्वरूप ढाल लेता है। जिससे आपको प्रेगनेंसी हार्मोन के प्रभावों का अधिक सामना नहीं करना पड़ता है यह सब संभाल लेता है।

ग्यारहवां सप्ताह गर्भावस्था के लक्षण | 11 week symptoms of pregnancy in hindi

फ्रिक्वेंट यूरिनेशन

प्रेगनेंसी हार्मोन hCG का स्त्राव ही बार बार पेशाब लगने की समस्या का मुख्य कारण होता है यह पेल्विस और किडनीयों में रक्त संचार बढ़ा देता हैं जो प्रेगनेंसी में यूरिनेशन को बढ़ावा देता हैं लेकिन इसकी वजह से आपको fluid की मात्रा में कमी नहीं होने देना चाहिए। क्योंकि शरीर का हाइड्रेटड रहना भी जरुरी होता हैं

स्तनों में सूजन

बढ़ते स्तनों का आकार शायद आपके पार्टनर को आकर्षित कर देता होगा। लेकिन यह आपके लिए बिल्कुल भी सुविधाजनक साबित नहीं होता

अत्याधिक संवेदनशील होने के कारण इनमें दर्द तथा सूजन जैसी समस्या भी देखने को मिल रही होती है। आप कॉटन ब्रा उपयोग कर सकती है।

ऐठन और उल्टी

प्रेगनेंसी में मॉर्निंग सिकनेस की समस्या से लगभग सभी महिलाएं परेशान रहतीं हैं इसका प्रभाव ना सिर्फ सुबह बल्कि यह आपको दिन के किसी भी समय देखने को मिल जाता होगा, रातों की नींद उड़ाने में इनका बहुत बड़ा हांथ होता हैं 

हालांकि, इससे नफरत करने की जरुरत नहीं, क्युकी बस कुछ सप्ताह फिर प्लेजेंटा के कार्यशील होने के साथ ही आपको इन सभी प्रेगनेंसी के लक्षणों से छुटकारा मिलने वाला है। 12 से 14 बाद आप राहत की सांस ले रही होंगी।

फूड एवर्जन

शायद आजकल आपको अपने मनपसंद खाने के प्रति अरुचि लगने लगी होगी, या शाकाहारी होने के बावजूद आपको चिकन कि खुशबू से मुंह में पानी आ जाता होगा। चिंता ना करें, चौथा महीना आने पर आपको इन सभी समस्याओ से खुद ब खुद आराम मिलने लगेगा

ब्लाटिंग और गैस

शिशु मात्र अभी 2 इंच लम्बा है इसके बावजूद आप महसूस कर रहीं होंगी आपका पेट छोटे से बेबी के कारण फूला हुआ लगने लगा है। 

ग्यारह सप्ताह प्रेगनेंसी में पेट में बदलावो का मुख्य कारण प्रोजेस्टेरोन हार्मोन रहता है जो बॉडी मसल्स रिलैक्स कर देता, जिससे पेट में खाना ज्यादा देर तक रहता है और यही गैस, अपच और ब्लोटिंग की समस्या का कारण भी बनता है।

बेहोशी और चक्कर

धमनियों में रक्त की कमी इसका प्रमुख कारण है। हार्मोनल चेंजेज के कारण ये आकार में फैल जाते है जिससे इनमें रक्त का प्रवाह कम मात्र में होने लगता है।

यदि अगली बार आपको चक्कर जैसा महसूस हो तो सीधे बैठ जाए, अपने सिर को दोनों घुटनों के बीच लाए और लंबी और गहरी सांस ले। इससे आपको राहत मिलेगी।

गर्भावस्था ग्यारहवें सप्ताह में पेट निकलना | Pregnant belly at 11 week in hindi

अगर ये अपकी दूसरी, तीसरी या इससे अधिक की प्रेगनेंसी हैं या आपके गर्भ में जुड़वां यानी एक से अधिक शिशु है तो इस सप्ताह से आपमें बेबी बंप की शुरूआत हों जाएगी, लेकिन यदि ये आपकी पहली प्रेग्नेंसी हैं तो बेबी बंप देखने के लिए आपको थोड़ा इंतेजार करना पड़ सकता हैं

गर्भावस्था ग्यारहवें सप्ताह में अल्ट्रासाउंड | Ultrasound in 11 week of pregnancy in hindi

“प्रीनेटल जेनेटिक स्क्रीनिंग” इस सप्ताह भी जारी रहेगा न्यूखल ट्रांसलूसेंसी टेस्ट के साथ, न्यूखल ट्रांसलूसेंसी स्क्रीनिंग एक तरह का अल्ट्रासाउंड टेस्ट है जिसमें शिशु के गर्दन पीछे वाली जगह में फ्लूइड का स्तर मापा जाता है यदि एमनियोटि फ्लूइड की मात्रा जरूरत से ज्यादा है तो शिशु को जेनेटिक डिसऑर्डर जैसे “डाउन सिंड्रोम” होने की अधिक संभावना होती है

हालांकि, याद रखें, ये सिर्फ एक स्क्रीनिंग टेस्ट है अगर परिणाम सीमित से ज्यादा भी आता है इसका मतलब यह नहीं शिशु को कोई क्रोमोसोमल डिसऑर्डर है, लेकिन ऐसा हो भी सकता है इसलिए डॉक्टर आपको अधिक टेस्ट कराने की सलाह देंगे, इस टेस्ट में टाइमिंग बहुत जरूरी है एक “फॉल्स पॉजिटिव रिजल्ट” प्रेगनेंसी डेट सही ना होने की दिशा में आ सकती है अल्ट्रासाउंड कराने का उचित समय 11 से 13.6 सप्ताह तक सही रहता है

गर्भावस्था ग्यारहवां सप्ताह केयर टिप्स | Self care tips 11 week pregnant in hindi

योगाभ्यास करना गर्भवतियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह ना सिर्फ आपको रिलैक्स बनाएगा बल्कि शिशु जन्म के लिए भी आपको तैयार करता है प्रेगनेंसी में योगाभ्यास गर्भवतियों को एंजाइटी और डिप्रेशन जैसे खतरे से बचाता हैं और प्रीमेच्योर बर्थ की समस्या भी दूर करता है।

साफ सफाई का ध्यान रखें

प्रेग्नेंसी में इम्यून सिस्टम कमजोर होना सामान्य है बल्कि ऐसा होना, खासकर, शिशु के लिए बहुत आवश्यक होता हैं इससे शरीर का इम्यून सिस्टम शिशु को बाहरी जीव समझकर उसे नुकसान पहुंचाने में असमर्थ हो जाता है।

मगर इम्यून सिस्टम कमजोर होने की बुरी बात ये है – इसके कारण शरीर खुद की रक्षा करने में असमर्थ हो जाता हैं। जो फिर सर्दी, जुकाम, कफ, गले में खराश जैसी समस्याओं का कारण बनता है इसलिए अपने आस पास साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें

नट्स का सेवन करें

प्रेगनेंसी में ब्लड सुगर लेवल मेंटेन रखने में नट्स से बेहतर उपाय कुछ नहीं है, इसका सेवन ना सिर्फ शरीर में प्रोटीन की कमी पूरी करता है बल्कि इसमें हैल्दी फैट्स भी होते हैं जो बेबी डेवलपमेंट के लिए आवश्यक होता हैं

प्रेगनेंसी में नट्स का सेवन जरूरी मिनरल्स जैसे – कॉपर, मैग्निशियम, मैग्निश, आयरन, सेलेनियम, पोटेशियम और कैल्शियम जैसे पोषक तत्वों की भी पूर्ति करता है जो शिशु में दिमागी विकास के लिए जरूरी होता है।

विटामिन सी उचित मात्रा में लें

मानव शरीर एस्कार्बिक एसिड (विटामिन सी) शरीर में एकत्रित करके नहीं रखता, इसलिए गर्भावस्था में यह जरूरी है आप विटामिन सी उचित मात्रा में लें, यह शिशु के हड्डियों, कार्टिलेज, मसल्स और रक्त वाहिनियों को मजबूत बनाता हैं पर्याप्त रूप से विटामिन सी लेना हेल्दी बर्थ प्रेरित करता तथा प्रेमेच्योर बर्थ से बचाता है इसलिए प्रेगनेंसी में आपको विटामिन सी उचित मात्रा में लेने पर अवश्य ध्यान देना चाहिए

दांतो के स्वस्थ्य का ध्यान रखें

प्रेगनेंसी में मसूड़ों का कमजोर होना प्रेगनेंसी का ही एक सामान्य लक्षण होता है लेकिन इसका मतलब ये नहीं आप इसपर बिल्कुल भी ध्यान न दे,

मसूड़ों का कमजोर व संवेदनशील होना ना सिर्फ कैविटी जर्म्स का खतरा पैदा करता हैं बल्कि कई शोधों के अनुसार प्रेमेच्योर बर्थ की संभावना भी बढ़ा देते है इसलिए इनकी देखरेख पर भी आपको ध्यान देना चाहिए

अपनी त्वचा का भी ख्याल रखें

हालांकि, अपनी त्वचा का ध्यान ना सिर्फ इस सप्ताह, बल्कि, पूरे गर्भवास्था में जरूरी होता हैं अत्याधिक देर तक नहाना त्वचा से नमी चुरा लेता है अधिक देर तक नाहने से बचें।

शिशु जन्म के बाद ये छोटी छोटी आदते आपको बहुत काम आने वाली हैं इसलिए अभी से आप इनकी शुरूआत कर सकते है। गर्म स्नान से बचे, माइल्ड क्लीनर उपयोग करें तथा त्वचा को मॉइश्चराइज करना ना भूलें

ग्यारह सप्ताह के लिए प्रेगनेंसी डाइट

यदि आप वेजीटेरियन है तो आपको जरूरी पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, विटामिन बी12, कैल्शियम, विटामिन डी, डीएचए, आयरन और फोलेट की उचित मात्रा अवश्य लेनी चाहिए

  • प्रोटीन युक्त भोजन खाए – जैसे नाइट्स, मूंगफली, दाल
  • यदि आप दूध नहीं पीना चाहती, तो आप दही का सेवन करें 
  • हरी सब्जियां खाये, रेशेदार फल और सब्जियां जरूर सेवन करे

Matrishakti के कुछ शब्द

बिल्कुल, गर्भावस्था के इस महत्वपूर्ण समय में अच्छी देखभाल बहुत जरूरी है। सही आहार, पर्याप्त पानी, और आराम से साथ सुरक्षित रहना महत्वपूर्ण हैं। किसी भी संदेह की स्थिति में डॉक्टर से सलाह लेना अच्छा होता है। आप और शिशु दोनों के स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम शुभकामनाएँ।

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